2017-04-22T14:35:40+00:00
हर सांस अंत की शुरुवात है आखरी सांस ही अंत है कोई सांस का हिसाभ है? सिर्फ कर्मो की निशांनी रह जाती है वह भी कुछ सालों में कहीं गुम हो जाती है शायद कुछ निशान रह जाते है पर उनका भी मतलब बदल जाता है फिर कर्म क्यों? फिर जीतने की तमना क्यों?