2011-02-15T05:18:24+00:00
यह कैसा अजीब शहर है यहाँ इमारतों की भीड़ है दिल ढूंढता है एक जगह एकांत सी पर शहर को मंज़ूर नहीं मेरे दिल की हमने भी हार नहीं मानी निकल पड़े जब दुनिया सो रही थी और मिल गयी जगह एकांत सी